Pahalgam Terror Attack: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इनमें से ज्यादातर सभी पर्यटक थे. मारे गए 26 निर्दोष लोगों में एक युवक सैयद हुसैन शाह भी था जो अपना घर छोड़कर बैसरन घाटी टट्टू चलाने, लोगों को घुमाने और परिवार पालने के लिए कुछ पैसे कमाने आया था. आतंकियों ने कायराना हरकत दिखाते हुए गोली मारकर उसकी भी हत्या कर दी.
अनंतनाग में सैयद हुसैन शाह के परिवार के सदस्य सैयद हैदर शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को जानकारी दी कि उनका बेटा हुसैन शाह कल (मंगलवार, 22 अप्रैल) पहलगाम मजदूरी करने, घोड़ा चलाने के लिए गया था. दोपहर 3.00 बजे उन्होंने सुना कि वहां हमला हो गया है. इसके बाद घर वाले और गांव वाले लगातार हुसैन शाह को फोन करते रहे, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था.
#WATCH | अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर: #पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले अनंतनाग निवासी सैयद हुसैन शाह के परिवार के एक सदस्य ने बताया, “वह(सैयद हुसैन शाह) पहलगाम मजदूरी करने गया था… 3 बजे हमें हमले की सूचना मिली। हमने जब (सैयद हुसैन शाह को)फोन किया तो फोन नहीं लगा… हमने थाने… pic.twitter.com/SdCWxvZmOl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2025
लगातार लगाते रहे फोन, किसी ने नहीं उठाया
बाद में शाम को 4.00-4.30 बजे के करीब उसका फोन ऑन हुआ. फिर घरवाले लगातार उसे फोन मिलाते रहे, लेकिन किसी ने उठाया नहीं. इसके बाद हुसैन शाह के परिजन थाने गए और वहां रिपोर्ट रखी. जब थाने से घर आए तो पता चला कि हुसैन शाह को गोली लग गई है. उनके घर और गांव से कुछ लोग पहलगाम की ओर भागे. वहां जाकर देखा तो हुसैन शाह अस्पताल में भर्ती था.
‘हुसैन बेगुनाह था, उसे मार दिया गया’
हुसैन शाह के घरवालों ने बताया कि घर में और कोई नहीं है, हुसैन ही सबसे बड़ा था जो कमाता था. बाकी सब छोटे हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि वह सरकार से क्या चाहते हैं तो उन्होंने कहा, “जिसकी जान थी, वह चली गई. अब सरकार से क्या मांग सकते हैं. हुसैन बेगुनाह था. बेगुनाह इंसान को मार दिया गया. यही अपील है कि हमें इंसाफ चाहिए, जिसने ऐसा किया उसका अंजाम मिलना चाहिए.”
#WATCH | अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर: पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले अनंतनाग निवासी सैयद हुसैन शाह की मां आपबीती बताते हुए भावुक हुईं। pic.twitter.com/lYOrCAJyib
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2025
हुसैन शाह की मां के आंसू नहीं रुक रहे
वहीं, घर में हुसैन की मां अभी भी अपने बेटे के आने का इंतजार कर रही है. उसके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सैयद हुसैन शाह की मां आपबीती बताते हुए रो पड़ीं. उनका कहना है कि घर में वह ही एक कमाने वाला था, घोड़ा चलाकर कुछ पैसे कमाता था. अब वह कभी घर नहीं आएगा. रोती हुई मां खुद को कोस रही हैं कि उन्होंने बेटे को क्यों जाने दिया? उन्हें बेटे से बड़ी आस थी. बुढ़ापे का सहारा बनने वाला बेटा उनके सामने ही उन्हें छोड़ कर चला गया.