जम्मू में पूर्व सैनिकों ने की सेना में सेवाएं देने की पेशकश, बोले- पाकिस्तान से जल्द लिया जाए बदला

Jammu and Kashmir News: जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव में रहने वाले पूर्व सैनिकों ने भारतीय सेना को अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है. देश में अब पहलगाम के गुनहगारों और पाकिस्तान को अपनी किए की सजा देने की मांग जोर पकड़ रही है. जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे आखिरी गांव त्रैवा में पूर्व सैनिकों ने रैली निकालकर पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की.

हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाते हुए जम्मू के अरनिया सेक्टर के त्रैवा गांव में पूर्व सैनिकों ने सरकार से गुहार लगाई कि समय आ गया है, जब पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कभी सीमा पार से फायरिंग कर, कभी आतंकी भेजकर और कभी नहाते पर्यटकों पर गोली वर्षा कर भारत मैं अशांति फैला रहा है और अब समय आ गया है, पाकिस्तान को उसकी किए की सजा दी जानी चाहिए.

‘पाकिस्तान को देना होगा करारा जवाब’

रैली में शामिल पूर्व सेना के हवलदार दर्शन लाल ने कहा कि उन्होंने 1971 की जंग लड़ी है. वह बेशक सेना से रिटायर हुए हैं लेकिन वह अब भी देश रक्षा के लिए तत्पर और तैयार हैं. उन्होंने कहा कि वह बतौर हवलदार भारतीय सेवा की आर्टिलरी यूनिट में तैनात थे, और अभी वह पाकिस्तान को करारा जवाब देने की क्षमता रखते हैं.

 सैनिक ने कहां की एक सैनिक कभी रिटायर नहीं होता और वह आज भी भारतीय सेवा की मदद करने की क्षमता रखते हैं. गांव की सरपंच बलबीर कौर ने बताया कि सीमा पर इस समय जश्न का माहौल है और सब लोगों को उसे समय का इंतजार है, जब भारत पाकिस्तान को उसके किए सज़ा की सदेगा.

उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर युवा से लेकर बुजुर्ग तक भारतीय सेवा के साथ खड़े हैं. सीमा पर ऐसे दर्जन लोग हैं जो भारतीय सीमा पर रहकर पाकिस्तान को कई बार करारा जवाब दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों का जज्बा इतना है कि अगर इन्हें बस हथियार की लाइसेंस दी जाए तो यह हथियार खरीद कर पाकिस्तान को सबक सिखा देंगें.

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