Attari Wagah Border: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में मौजूद सभी पाकस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करते हुए उन्हें अपने देश लौटने का आदेश दिया है. इस बीच अटारी-वाघा बॉर्डर पर हालात में सुधार हुआ है, जहां पाकिस्तानी नागरिकों को लौटने की अनुमति दी गई. वहीं, कई लोगों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है. बॉर्डर पर अपनी भाभी को छोड़ने पहुंची एक युवती खालिदा ने अपना दर्द सुनाया. सरकार के आदेश के बाद वो अपनी भाभी और उनके बच्चे को लेकर काफी परेशान दिख रहीं थीं.
बॉर्डर पहुंची युवती खालिदा ने बताया, “मैं दिल्ली से हूं, अपनी भाभी (पाकिस्तानी) को छोड़ने आई थी. मेरा भतीजा एक साल का है, उसका पासपोर्ट भारतीय है. हमने पाकिस्तान दूतावाज से उसकी वीजा ले रखी है लेकिन यहां पर पता चला कि भारतीय पासपोर्ट होल्डर पाकिस्तान नहीं जा सकता. लेकिन यह संभव नहीं है.”
पंजाब: अटारी-वाघा बॉर्डर पर हालात में सुधार हुआ है, जहां पाकिस्तानी नागरिकों को लौटने की अनुमति दी गई।
बॉर्डर पहुंची एक युवती खालिदा ने बताया कि “मैं दिल्ली से हूं, अपनी भाभी(पाकिस्तानी) को छोड़ने आई थी। मेरा भतीजा एक साल का है, उसका पासपोर्ट भारतीय है। हमने पाकिस्तान दूतावाज़… pic.twitter.com/4r4Hund5yt
— IANS Hindi (@IANSKhabar) May 2, 2025
मां को बच्चे से अलग कोई कानून नहीं कर सकता- खालिदा
उन्होंने आगे कहा, ”अगर बच्चा जाएगा तो मां के साथ जाएगा वरना मां भी कहीं नहीं जाएगी. मां को बच्चे से अलग कोई कानून नहीं कर सकता है. दुनिया का कोई कानून ऐसा नहीं कहता है. कोई सरकार नहीं कहती है कि बच्चे को मां से अलग करो. मेरी भाभी कराची की रहने वाली हैं. शादी को तीन साल हो चुके हैं. उनकी हालत देखो, उनका लास्ट मंथ चल रहा है. कैसे वो वहां पर अकेले सर्वाइव करेंगी? उनका बच्चा परसों से बुखार से तड़प रहा है, वो वहां पर कैसे रहेंगी?”
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की गई थी जान
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने कई ठोस कदम उठाने की घोषणा की थी, जिनमें पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को निलंबित करना, इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करना और अल्पकालिक वीजा पर आए सभी पाकिस्तानियों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने या कार्रवाई के लिए तैयार रहने का आदेश शामिल था.